Getting your Trinity Audio player ready...
|
एक शहर में एक प्रसिद्ध जादूगर रहता था जिसके कई सेवक काम करते थे। उसके पास दो बिल्लियाँ थीं जिनका इस्तेमाल वह अपने जादू के करतबों में करता था।
जादूगर के पास एक विशेष जादुई छड़ी थी जिससे वह मंच पर एक बिल्ली को छोटा और दूसरी को बड़ा कर देता था। दर्शक, खासकर बच्चे, यह देखकर हैरान रह जाते थे और अपनी आँखों पर विश्वास नहीं कर पाते थे। जादू दिखाते समय वह हमेशा एक काले रंग का कोट पहनता था, जो उसे उसके गुरु ने दिया था।
एक दिन, एक बिल्ली ने अपनी साथी से कहा, “यह जादूगर हमें बड़ा-छोटा करके खूब धन कमाता है। चलो इसकी जादुई छड़ी उठा लें और पिंजरे का ताला खोलकर भाग जाएँ!”
दूसरी बिल्ली ने जवाब दिया, “छड़ी अकेले काम नहीं करेगी, उसके साथ जादूगर का कोट भी चुराना पड़ेगा।”
जादूगर अपनी छड़ी और कोट को बहुत संभालकर रखता था। एक दिन, जब वह बिल्लियों पर जादू दिखा रहा था, तो एक बिल्ली ने ध्यान से देखा कि वह छड़ी को कैसे घुमाता है। शाम को शो खत्म होने के बाद, जब जादूगर आराम करने चला गया, तो दोनों बिल्लियों ने मौका देखकर छड़ी और कोट चुरा लिया।

कोट पहनते ही एक बिल्ली में जादुई शक्ति आ गई। उसने दूसरी बिल्ली से छड़ी छीन ली और उसे छोटा कर दिया। फिर उसने पिंजरे का ताला तोड़कर भागने की तैयारी की। छोटी बिल्ली ने उसे रोकने की कोशिश की, लेकिन कोट पहनी बिल्ली घमंड में बोली, “अब मुझे तेरी जरूरत नहीं। तू यहीं पड़ी रह!”
लेकिन तभी उसे जादूगर का ख्याल आया। वह वापस लौटी और छड़ी से उसे छोटा करने की कोशिश की। पर जादूगर पर उसका असर नहीं हुआ। जादूगर ने समझाया, “मेरे गुरु ने मुझे इस जादू का तोड़ भी सिखाया था।”
उसने बिल्ली को पकड़ लिया, छड़ी और कोट वापस ले लिया, और उसे रस्सी से बाँधकर उल्टा लटका दिया। फिर उसने छोटी बिल्ली को सामान्य आकार में वापस लाया।

बड़ी बिल्ली को बारह घंटे तक भूखा-प्यासा लटके रहना पड़ा। आखिरकार उसने माफी माँगी, लेकिन जादूगर को एक नया करतब सूझ गया। अब वह दूसरी बिल्ली को छड़ी देकर पहली बिल्ली को छोटा-बड़ा करवाता था। इससे बिल्ली को तकलीफ होती थी, लेकिन बच्चों को यह देखकर बहुत मजा आता था, और जादूगर की कमाई भी बढ़ गई।
शिक्षा: संकट में साथ निभाने वाले के साथ कभी विश्वासघात नहीं करना चाहिए।