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या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

अर्थ: संसार के प्रत्येक प्राणी के हृदय में माँ के रूप में जो देवी विद्यमान हैं, उन्हें असंख्य प्रणाम! माँ दुर्गा की पूजा संकटनाशिनी है; यह हमें सभरा बल और दिव्य शक्ति से भर देती है।

A divine goddess mother Durga radiating power and blessings.

शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं।
विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्णं शुभाङ्गं॥

अर्थ: भगवान विष्णु शांत स्वरूप वाले हैं, शेषनाग पर शयन करते हैं, उनकी नाभि से कमल उत्पन्न हुआ है, वे देवताओं के स्वामी हैं, समस्त विश्व के आधार हैं, आकाश के समान अनंत हैं, बादलों के समान श्याम वर्ण वाले हैं और उनके अंग अत्यंत शुभ और मनोहर हैं।

Lord Vishnu resting on a cosmic serpent with a lotus emerging from his navel.

कस्तूरी तिलकं ललाटपटले, वक्षस्थले कौस्तुभं।
नासाग्रे नवमौक्तिकं, करतले वेणुं करे कङ्कणम्॥

अर्थ: भगवान कृष्ण के मस्तक पर कस्तूरी का तिलक है, छाती पर कौस्तुभ मणि सुशोभित है, नाक के अग्रभाग पर नए मोती (जैसे चमकदार बिंदी) हैं, हथेली में बाँसुरी है और हाथ में कंगन (जैसे बाजूबंद) शोभा दे रहे हैं।

Lord Krishna with a flute, tilak, and divine ornaments, radiating divine charm.

विद्या ददाति विनयं,
विनयात् याति पात्रताम्।
पात्रत्वात् धनमाप्नोति,
धनात् धर्मं ततः सुखम्॥

अर्थ: ज्ञान (विद्या) व्यक्ति को विनम्रता प्रदान करती है, विनम्रता से योग्यता (पात्रता) प्राप्त होती है, योग्यता से धन की प्राप्ति होती है, धन से धर्म (अच्छे कार्य) की सिद्धि होती है, और धर्म से सुख (आनंद) मिलता है।

A symbolic progression from knowledge to humility, worthiness, wealth, righteousness, and ultimate joy.