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गणेश श्लोक
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥
“हे भगवान गणेश, आपकी घुमावदार सूंड, विशालकाय स्वरूप और करोड़ों सूर्यों के समान तेजस्वी प्रकाश से प्रेरित होकर, मैं आपसे प्रार्थना करता हूं कि मेरे सभी कार्यों को हर प्रकार की बाधाओं से मुक्त रखें।”

यह प्रार्थना हिंदू धर्म के प्रमुख देवता भगवान गणेश को समर्पित है, जिनसे कार्यों के सुचारू रूप से पूर्ण होने और सभी बाधाओं के निवारण का आशीर्वाद मांगा जाता है।
गायत्री मंत्र
ॐ भूर् भुवः स्वः तत् सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् ॥
“आइए हम उस पवित्र सविता की महानता का स्मरण करें, जिसने इस सृष्टि की रचना की है, जो पूजनीय है, ज्ञान और प्रकाश का स्वरूप है, तथा सभी पापों और अंधकार को मिटाने वाली है। वह हमारी बुद्धि को ज्योतिर्मय करे।”

यह मंत्र हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र और शक्तिशाली माना जाता है, जो आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसका जाप ज्ञान प्राप्ति, मार्गदर्शन और आत्मिक प्रबोधन के लिए किया जाता है।
महामृत्युंजय मंत्र
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥
“हम त्रिनेत्रधारी (भगवान शिव) की आराधना करते हैं, जो सुगंधित हैं और कल्याण को बढ़ावा देते हैं। वे हमें मृत्यु के बंधन से मुक्त करें, जैसे एक ककड़ी आसानी से अपनी बेल से अलग हो जाती है, और हमें अमरत्व का वरदान दें।”

यह एक गंभीर प्रार्थना है, जिसमें भगवान शिव की कृपा से मृत्यु के चक्र से मुक्ति और अमरता प्राप्त करने का आशीर्वाद मांगा गया है।