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1. श्री सरस्वत्यै नमः
या कुन्देन्दु तुषार हार धवला,
या शुभ्रवस्त्रावृता।
या वीणावरदण्डमण्डितकरा,
या श्वेतपद्मासना॥
अर्थ: जो कुंद के सफेद फूल, चाँद और बर्फ जैसी धवल हैं, जो पवित्र श्वेत वस्त्र धारण करती हैं, जिनके हाथों में वीणा और आशीर्वाद देने वाला दंड सुशोभित है, जो सफेद कमल के आसन पर विराजमान हैं। माँ सरस्वती की आराधना से ज्ञान, विवेक और बुद्धि की प्राप्ति होती है।

2. श्री लक्ष्म्यै नमः
सर्वमङ्गलमाङ्गल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।
शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तु ते॥
अर्थ: समस्त मंगलों की मंगलमयी स्वरूपा, सभी मनोकामनाओं को पूरा करने वाली, भक्तों की शरणदात्री, त्रिनेत्रधारिणी, गौरवर्ण वाली, नारायण की अर्धांगिनी, हे देवी! मैं आपको श्रद्धापूर्वक नमन करता हूँ। माता लक्ष्मी की अनुकंपा से धन-संपदा, वैभव और मंगलमय जीवन की प्राप्ति होती है।

3. श्री हनुमते नमः
बुद्धिर्बलं यशो धैर्यं निर्भयत्वमरोगता।
अजाड्यं वाक्पटुत्वं च हनुमत्स्मरणाद्भवेत्॥
अर्थ: हनुमान जी के स्मरण मात्र से बुद्धि, शक्ति, यश, धैर्य, निडरता, निरोगी काया, मेधाविता और वाणी में चतुराई प्राप्त होती है। बजरंगबली की भक्ति से जीवन में साहस, आत्मबल और दृढ़ विश्वास जागृत होता है।

4. श्री रामाय नमः
रामाय रामभद्राय रामचन्द्राय वेधसे।
रघुनाथाय नाथाय सीतायाः पतये नमः॥
अर्थ: श्री राम, रामभद्र, रामचंद्र, विधाता, रघुकुल के स्वामी और माता सीता के पति को कोटिशः नमन। प्रभु श्रीराम की आराधना से जीवन में नैतिकता, धर्मनिष्ठा और सत्य का मार्ग प्रशस्त होता है।
