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एक घने जंगल में कई जानवर रहते थे। उनमें हाथियों का एक बड़ा झुंड भी था, जिसकी नेता एक बुद्धिमान और दयालु हथिनी मालिनी थी। वह हमेशा अपने झुंड के हर सदस्य का ख्याल रखती थी। जब भी झुंड भोजन या पानी की तलाश में निकलता, मालिनी सबसे आगे चलती थी। वह शिकारियों के छिपे हुए गड्ढों को दूर से ही पहचान लेती और झुंड को सुरक्षित रास्ते पर ले जाती।
झुंड के सभी हाथी मालिनी का आदर करते थे और उसकी हर बात मानते थे। कुछ समय बाद, मालिनी ने एक सफेद हाथी के बच्चे को जन्म दिया। यह देखकर सभी हैरान रह गए, क्योंकि सभी हाथी काले थे, लेकिन यह बच्चा पूरी तरह सफेद था। पूरे जंगल में इसकी चर्चा होने लगी, और हर कोई इसे देखने आता।
परंतु मालिनी के मन में चिंता थी। जब उसकी करीबी साथी पूनम ने उसके उदास चेहरे का कारण पूछा, तो मालिनी ने गंभीरता से समझाया – “देखो, सफेद हाथी तो करोड़ों में एक ही पैदा होता है। यदि इंसानों को हमारे इस अनमोल बच्चे की भनक लग गई, तो वे इसे हर कीमत पर पकड़ने आएँगे।”

पूनम ने झुंड को इकट्ठा किया और कहा – “अब हम सभी की जिम्मेदारी है कि इस बच्चे की रक्षा करें। हमें अपनी जान की बाजी लगानी पड़े, तो भी पीछे नहीं हटेंगे!”
उस दिन से, जब भी झुंड बाहर जाता, चार हाथी सफेद हाथी के बच्चे की रक्षा के लिए पीछे रुक जाते। बाकी हाथी उनके लिए भोजन और पानी लाते।
लेकिन धीरे-धीरे शिकारियों को इस बच्चे के बारे में पता चल गया। उनका नेता रार्बट था, जिसके पास आधुनिक हथियार थे। उसने अपने साथियों से कहा – “अगर हम इस सफेद हाथी को पकड़ लें, तो हमें इतना पैसा मिलेगा कि फिर कभी शिकार करने की जरूरत नहीं पड़ेगी!”
शिकारियों ने हाथियों पर नजर रखनी शुरू कर दी। एक दिन, मालिनी ने एक पेड़ पर शिकारी को बैठे देखा। उसने समझ लिया कि वे उसके बच्चे को चुराने की योजना बना रहे हैं।
मालिनी ने झुंड से कहा – “हमें चालाकी से काम लेना होगा।”
मालिनी जंगल के राजा शेर के पास गई और उसे सारी बात बताई। शेर ने कहा – “तुम चिंता मत करो। तुम्हारा बच्चा अब मेरी गुफा में रहेगा। मेरी पत्नी इसकी देखभाल करेगी। कोई इसे छू भी नहीं पाएगा!”

अब सफेद हाथी का बच्चा शेर की गुफा में सुरक्षित था। शिकारी पूरे जंगल में ढूंढते रहे, लेकिन उन्हें कहीं भी वह नहीं मिला। आखिरकार, वे निराश होकर जंगल छोड़कर चले गए।
मालिनी की बुद्धिमानी ने उसके बच्चे की जान बचा ली। जब वह बड़ा हुआ, तो वह भी मालिनी की तरह बहादुर और समझदार बना। अब वही सफेद हाथी पूरे झुंड का मार्गदर्शक बन चुका था। हर संकट की घड़ी में वह सबकी सुरक्षा का दायित्व संभालता। उसके विशाल आकार और तेजस्वी उपस्थिति को देखते ही शिकारियों के होश उड़ जाते, और वे वहाँ से भाग खड़े होते।
शिक्षा: बुद्धिमानी और एकता से हर मुश्किल का सामना किया जा सकता है।

